क्या ऐसा हो सकता है” तेरी हर शाम में वो दबी-दबी सी हंसी मेरी हो, क्या ऐसा हो सकता है? तेरी पहेली बारिश की नमी सिर्फ मेरी हो, क्या ऐसा हो सकता है? के जब तु सुबह उठे और मचल कर अंगड़ाई ले… और उन प्यारी सी बचकानी हरकतों मे, मेरी साजिश हो, क्या ऐसा हो सकता है? तेरे बालों […]